देश में ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं
पिछले एक दशक में ओरल कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई है। इसकी मुख्य वजह तंबाकू है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है। इस गंभीर बीमारी के शुरुआती लक्षणों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इससे बचाव कैसे किया जा सकता है और किन लक्षणों पर सतर्क हो जाना चाहिए।
ओरल कैंसर के कारण
शराब और तंबाकू: सिगरेट, बीड़ी, सिगार या तंबाकू चबाना जैसे उत्पाद ओरल कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। अगर शराब का सेवन भी साथ में हो तो यह जोखिम और बढ़ जाता है।
डाइट: फल और सब्जियां न खाना शरीर में ओरल समस्याएं पैदा कर सकता है और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
धूप: अधिक समय तक धूप में रहना, विशेषकर होंठों पर असर डालता है और लिप कैंसर का कारण बन सकता है।
एचपीवी (HPV): ह्यूमन पेपिलोमावायरस, खासकर HPV-16, जीभ और टॉन्सिल के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
जेनेटिक फैक्टर: पारिवारिक इतिहास भी इस कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
कमजोर इम्यूनिटी: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली से शरीर कई बीमारियों का शिकार होता है, जिनमें ओरल कैंसर भी शामिल है।
ओरल कैंसर के लक्षण
मुंह में ऐसा घाव या अल्सर जो 2–3 हफ्तों में ठीक न हो
मसूड़ों, जीभ या मुंह की परत पर सफेद या लाल धब्बे
गाल में मोटापन या गांठ बनना
गले में लगातार दर्द या निगलने में कठिनाई
गले में कुछ फंसे होने का एहसास
आवाज में बदलाव
बिना कारण वजन घटाना
गर्दन में सूजन या गांठ
चिक बाइटिंग से कैंसर का खतरा?
मुंह के अंदर गाल कटने (चिक बाइटिंग) की आदत सामान्य है, जो तनाव या चिंता की वजह से होती है। इससे छाले हो सकते हैं, लेकिन केवल चिक बाइटिंग से कैंसर होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ओरल कैंसर के मामलों में वृद्धि
विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में भारत में ओरल कैंसर के मामलों में वृद्धि हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह तंबाकू उत्पादों का सेवन है।
नोट: यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी लक्षण या सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।